Devotional Lovers - Get a fresh start every day with the new episodes of Shreemad Bhagwat Geeta in all languages. Start your day with a FREE daily devotional podcast from top authors. These daily devotionals will bring you the spiritual guidance you long for!
Teri Rehmato Ka Dariya (तेरी रेहमतो का दरिया)
Lyrics: https://anjuthakur.com/lyrics/teri-rehmato-ka-dariya-lyrics/
श्री कृष्ण की ये 5 बातें आपकी जिंदगी के 50 साल बदल देगी - by Lord Krishna
आत्मा क्या है ? ब्रह्मांड का सबसे बड़ा रहस्य - By Lord Krishna
"मैं समय हूँ"-Episode 01 । श्री कृष्णा, भविष्यवाणी! हुए सत्य पर क्या है वो? Shree Krishna Stories.
हिरदा भीतर आरसी, मुख देखा नहीं जाई ।
मुख तो तौ परि देखिए, जे मन की दुविधा जाई ॥
अर्थ :- संत कबीर जी कहते है कि मनुष्य के ह्रदय में ही आइना होता है लेकिन वह खुद को या वास्तविकता को नहीं देख पता है। वह खुद को या वास्तविकता को तभी देख पता है जब उसके मन की दुविधा अथार्थ संकट ख़त्म हो जाती है। अथार्थ चिंता अथवा मन का कास्ट ऐसा चीज़ है जो मनुष्य को अंदर ही अंदर खोखला कर देता है। इतना की व्यक्ति खुद की पहचान भूलने लगता है। इसलिए चिंता से हमे बच कर रहना चाहिए। ___________________________
Shree Krishna Geeta Updesh Compilation Part 09 | श्री कृष्ण वाणी | Krishna Seekh Motivational Speech
___________________________ संत ना छाडै संतई, जो कोटिक मिले असंत चन्दन भुवंगा बैठिया, तऊ सीतलता न तजंत। अर्थ :- सज्जन को चाहे करोड़ों दुष्ट पुरुष मिलें फिर भी वह अपने भले स्वभाव को नहीं छोड़ता। चन्दन के पेड़ से सांप लिपटे रहते हैं, पर वह अपनी शीतलता नहीं छोड़ता। ___________________________
Shree Krishna Geeta Updesh Compilation Part 07 | श्री कृष्ण वाणी | Krishna Seekh Motivational Speech
_________________________ धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय, माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय। अर्थ :- मन में धीरज रखने से सब कुछ होता है। अगर कोई माली किसी पेड़ को सौ घड़े पानी से सींचने लगे तब भी फल तो ऋतु आने पर ही लगेगा ! ___________________________
Shree Krishna Geeta Updesh Compilation Part 06 | श्री कृष्ण वाणी | Krishna Seekh Motivational Speech
_________________________ सब पापन का मूल है, ऐक रुपैया रोके साधुजन संग्रह करै, हरै हरि सा ठोके। विलासिता हेतु एक रुपये का संचय भी पाप का मूल कारण है। परमेश्वर अपने सम्पुर्ण कोष संतो ंके संग्रह हेतू सब कुछ समर्पित कर देते है। _______________________
जीवन के सभी प्रशनों के उत्तर। Shree Krishna Geeta Updesh
_________________________ अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप, अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप। अर्थ :- न तो अधिक बोलना अच्छा है, न ही जरूरत से ज्यादा चुप रहना ही ठीक है। जैसे बहुत अधिक वर्षा भी अच्छी नहीं और बहुत अधिक धूप भी अच्छी नहीं है। __________________________
आखिर प्रेम और आकर्षण में अंतर क्या है ?| Love, Attraction and Life
_________________________ रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाये टूटे से फिर ना जुटे जुटे गाॅठ परि जाये । प्रेम के संबंध को सावधानी से निबाहना पड़ता है । थोड़ी सी चूक से यह संबंध टूट जाता है । टूटने से यह फिर नहीं जुड़ता है और जुड़ने पर भी एक कसक रह जाती है। __________________________
मनुष्य का मन उसकी हार का सबसे बड़ा कारण हैं!_मन को मुक्त करें | Krishna Geeta Gyan By Ziggy Learner.
_________________________ कबहुुक मन गगनहि चढ़ै, कबहु गिरै पाताल कबहु मन अनमुनै लगै, कबहु जाबै चाल। कबीर की इसी बात को ध्यान में रख कर चलिये देखते है, भगवान श्री कृष्ण क्या कहते हैं। __________________________
दुविधा में सही निर्णय कैसे लें? Lord Krishna Geeta Updesh 48 Minutes in Hindi By Ziggy Learner.
__________________________ कबीर प्रेम न चक्खिया,चक्खि न लिया साव। सूने घर का पाहुना, ज्यूं आया त्यूं जाव॥ अर्थ :- कबीर कहते हैं कि जिस व्यक्ति ने प्रेम को चखा नहीं, और चख कर स्वाद नहीं लिया, वह उसअतिथि के समान है जो सूने, निर्जन घर में जैसा आता है, वैसा ही चला भी जाता है, कुछ प्राप्त नहीं कर पाता. __________________________